इक क़ाफ़िर की तलाश में अंत भी आ गया कारवाँ भी गुजर गया।। इक क़ाफ़िर की तलाश में अंत भी आ गया कारवाँ भी गुजर गया।।
सत्पथ पर जो चलेगा, उसकी मुकाम होगी अवश्य पूरी।। सत्पथ पर जो चलेगा, उसकी मुकाम होगी अवश्य पूरी।।
धरती माँ को तृप्त करें आओ मिलकर वृक्ष लगाएँ।। धरती माँ को तृप्त करें आओ मिलकर वृक्ष लगाएँ।।
वो हमें याद करतें हैं इसे तुम प्यार मत समझोबात तो ये है कि उनकी उधारी बाकी है हमपे वो हमें याद करतें हैं इसे तुम प्यार मत समझोबात तो ये है कि उनकी उधारी बाकी है हम...
मैं जब नम सी निगाहों से देखता हूँ तुझेयार कुछ तो तेरा दिल भी पिघलता होगा मैं जब नम सी निगाहों से देखता हूँ तुझेयार कुछ तो तेरा दिल भी पिघलता होगा
कुछ खातिरदारी के गम में, कुछ लम्बरदारी के वश में। कुछ टूट चले, कुछ छूट चले, मन से रीते कुछ पर-वश मे... कुछ खातिरदारी के गम में, कुछ लम्बरदारी के वश में। कुछ टूट चले, कुछ छूट चले, मन ...